गुस्से का फायदा
….गुस्सा बुरी बात है , गुस्सा नहीं करना चाहिए , गुस्सा करने से नुकसान ही होता है और भी गुस्सा नहीं करने के कितने तर्क अक्सर दिए जाते हैं पर मेरी राय में गुस्सा जो कर रहा है उसके लिए भले ही नुकसानदायक हो कई बार जिस पर किया जा रहा है उसके लिए फायदेमंद होता …कम से कम मेरा अनुभव तो यही कहता है …आज की ये ख़ूबसूरत साड़ी किसी के गुस्से का ही नतीजा है 😉
…मेरा वजन बढ़ जाने पर मैंने साड़ी पहनना लगभग छोड़ ही दिया था . जब तक बहुत ज़रूरी या कह लीजिये मज़बूरी न हो मै साड़ी नहीं पहनती थी और कई मौकों पर तो मज़बूरी में भी नहीं पहनती थी. इसी दौरान दिवाली के लिए जब कपडे खरीदने बाज़ार गए तो ज़ाहिर है मेरे लिए साड़ी ही खरीदी जानी थी. मैंने मन ही मन सोचा कि एक साधारण सी साड़ी ले लेना चाहिए क्योंकि एक-दो बार से ज्यादा तो पहनी नहीं जाएगी फ़िजूलखर्ची से क्या मतलब ? लेकिन रंग , कीमत , डिज़ाइन , फेब्रिक सब मिलकर बात कुछ बन नहीं रही थी और ढेरों साड़ी देखने के बाद भी मैंने कोई साड़ी पसंद नहीं की ऐसे समय में साथ वालों का क्या हाल होता है बताने की ज़रूरत नहीं है ….तीस पर मैंने आईडिया दे दिया कि यहाँ कुछ जम नहीं रहा कहीं और देख लेते हैं , बात तो मेरी मान ली गयी लेकिन ….लेकिन …लेकिन ..कौनसी दूसरी जगह जाना है ? ये पूछे बगैर बाहर निकलते ही जो पहली साड़ी शॉप दिखी उसीमे जा कर साड़ी देखना शुरू कर दिया गया अब मेरी भूमिका मूकदर्शक की हो गयी थी , चार -पांच साड़ियां देखकर ये प्रिंटेड कोसा सिल्क , काले रंग की साड़ी जिसपर हैण्ड मेड ब्लाक से ऑरेंज – ग्रीनकलर से प्रिंट बने हैं और प्रिंट को गोल्डन धागे से ख़ूबसूरती से आरी वर्क से बॉर्डर किया गया है … हैंडलूम सिल्क पर हैण्ड वर्क होने से यह साड़ी खासी महँगी साड़ी है ….लेकिन उस दिन फिजूलखर्ची न करने के ख्याल से मैंने जो बवाल किया था उसका ऐसा सुखद परिणाम ….मुझे नहीं सुधरने की ही नसीहत देता है 😉
Jaya Pandey मुझे एक नन्हा फोटोग्राफर मिल गया है,जो अब बगैर कहे मेरे साड़ी पहनते ही कैमरा निकाल लाता है : )
verry beautiful gusse me liya gaya sadi hai…har waqt bhagwan hamari sahayta karta hai har kadam pe ..hame yah nahi malum…its really worthful sari..I will also try to take a saree in Gussa..:)